Thursday, July 16, 2009
शेरों वाली गली में
एक आदमी आधी रात को एक गली के सामने खड़ा था। एक सिपाही जो गश्त के दौरान उधर से गुजर रहा था उसे खड़ा देखकर रुक गया। उसने कड़क कर पूछा - कौन है ? जी, शेर सिंह । बाप का नाम ? शमशेर सिंह । कहां रहते हो ? शेरों वाली गली में । यहां क्यों खड़े हो ? जी, कैसे जाऊं ? गली में कुत्ते भौंक रहे हैं ...... ।
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2 comments:
जै राम जी की !
इस्या भूंडा काम और कूण् कर सकै छौरे म्हारे बिना
ब्लगिंग पै स्वागत
गज़ल अर शायरी तै लट्ठम-लट्ठा होण का जी करै तै
आड़े आ जाइये
http://gazalkbahane.blogspot.com/ पै
स्याणे
श्याम सखा श्याम
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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